ना गुजरता तेरी गलियों से तो अच्छा होता ना जाता उस चौबारे पर तो अच्छा होता। ना गुजरता तेरी गलियों से तो अच्छा होता ना जाता उस चौबारे पर तो अच्छा होता।
अंकल थे ना, देदी पप्पी। इसमें उन्होंने ले ली मेरी पप्पी ।। अंकल थे ना, देदी पप्पी। इसमें उन्होंने ले ली मेरी पप्पी ।।
मौन में बहुत शक्ति है हमारी शापित जुबां से कहीं ज्यादा। मौन में बहुत शक्ति है हमारी शापित जुबां से कहीं ज्यादा।
क्यों हुआ है तू निराश , क्यों छोड़ दी है तूने जीतने की आस I क्यों हुआ है तू निराश , क्यों छोड़ दी है तूने जीतने की आस I
डर लगता है, उन सपनों से, डर लगता है, अपनों से... डर लगता है, उन सपनों से, डर लगता है, अपनों से...
इन्सान का सबसे बड़ा रोग, क्या कहेंगे लोग...! इन्सान का सबसे बड़ा रोग, क्या कहेंगे लोग...!